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भूख न लगना Meaning in English



भूख न लगना शब्द का अंग्रेजी अर्थ : to have no appetite


भूख-न-लगना हिंदी उपयोग और उदाहरण

आमतौर पर देखे गए संकेत एक बहती नाक, उल्टी और दस्त, निर्जलीकरण, अत्यधिक लार, खाँसी और / या सांस लेने में तकलीफ, भूख न लगना और वजन कम होना है।


इसके अलावा थकावट, भूख न लगना, मितली, हल्का ज्वर, पीला या स्लेटी रंग का मल, पीले रंग का पेशाब एवं सारे शरीर में खुजली हो सकती है।


"" नाड़ी शूल के अतिरिक्त पाचन क्रिया के रोगों अरुचि (भूख न लगना) विबंध, कमला, जलोधर व कृमि में भी यह लाभकारी पाई गई है।


रोगलक्षण भाँति भाँति के होते हैं, पर मुख्यात: सिर पीड़ा, भूख न लगना, सुस्ती, धीरे धीरे ज्वर बढ़ना, संनिपात आदि है।


सिरदर्द, भूख न लगना, तबियत का भारीपन अनुभव होने के बाद अचानक सर्दी लगकर तेज ज्वर चढ़ता है, कमजोरी अत्यधिक हो जाती है और मिचली होती रहती है।


सम्भावित राेेग - दमा, खांसी, बदन दर्द, बुखार, कै, अरुचि, जी मिचलाना, बैचेनी, भारीपन, भूख न लगना, अफरा, पेट में गुड़गुड़ाहट, कब्ज, पेट में दर्द, पेट में कीड़े आदि विकार होते है।


(३) विनिवर्तन लक्षण (विड्राल सिम्टम) उत्पन्न होना, अर्थात् मादक द्रव्यों का सेवन बन्द करने पर विभिन्न प्रकार के कष्टदायक शारीरिक व मानसिक लक्षणों का उत्पन्न होना जैसे-हाथ-पैर व शरीर में कंपन, अनियमित रक्तचाप, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, हाथ-पैर व शरीर में दर्द व भारीपन, भूख न लगना, मितली उलटी आदि।


हेपेटोकेल्युलर कार्सिनोमा में पाये जाने वाले कुछ मुख्य लक्षण हैं - पेट के अन्दर गाँठ, पेट दर्द, भूख न लगना, बुखार, बहुत जल्दी थकान हो जाना, उलटी आना, पीलिया, खुजली, वजन घटना।


पाचन मार्ग (पेट, आंत, जठर, वृहदांत्र और मलाशय) आंत की कृमियों से मिलकर पेट दर्द, कमजोरी, डायरिया, भूख न लगना, वजन कम होना, उल्टी, अरक्तता, कुपोषण जैसे विटामिन (बी 12), खनिज (लौह), वसा और प्रोटीन की कमी को जन्म देती है।


""(३) विनिवर्तन लक्षण (विड्राल सिम्टम) उत्पन्न होना, अर्थात् मादक द्रव्यों का सेवन बन्द करने पर विभिन्न प्रकार के कष्टदायक शारीरिक व मानसिक लक्षणों का उत्पन्न होना जैसे-हाथ-पैर व शरीर में कंपन, अनियमित रक्तचाप, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, हाथ-पैर व शरीर में दर्द व भारीपन, भूख न लगना, मितली उलटी आदि।


"" भूख न लगना, मुँह का स्वाद खराब होना, अम्लपित्त, बार-बार हवा खुलना, प्यास की अधिकता, खट्टी डकार आना या वमन, जिसमें श्लेष्मा और आमाशय का तरल पदार्थ निकलता है, विशेष लक्षण होते हैं।


भूख न लगना, मुँह का स्वाद खराब होना, अम्लपित्त, बार-बार हवा खुलना, प्यास की अधिकता, खट्टी डकार आना या वमन, जिसमें श्लेष्मा और आमाशय का तरल पदार्थ निकलता है, विशेष लक्षण होते हैं।


प्लूरोन्युमोनिया के प्रमुख लक्षणों में रोगी को ज्वर आता है, भूख न लगना, विशेष प्रकार की खाँसी का रुक रुककर आना, श्वास कष्ट (dyspnoea), नाड़ी एवं श्वासगति में तीव्रता, इत्यादि लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं।





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