बोधि वृक्ष Meaning in English
बोधि वृक्ष शब्द का अंग्रेजी अर्थ : bodhi tree
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बोधि-वृक्ष हिंदी उपयोग और उदाहरण
वर्तमान में जो बोधि वृक्ष वह उस बोधि वृक्ष की पांचवीं पीढी है।
गया से 17 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया स्थित है जो बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने अपना नाम बदलकर सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध रख लिया.।
यहाँ महात्मा बुद्ध ने बोधि वृक्ष के तले निर्वाण प्राप्त करा था।
माला की माला बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग किया जाता है जैसे रुद्राक्ष के बीज, तुलसी के पौधे की लकड़ी से बने मनके, जानवरों की हड्डी, लकड़ी या बोधि वृक्ष के बीज (विशेष रूप से फिकस धर्मोसा प्रजाति का पवित्र वृक्ष) या नेलुम्बो न्यूसीफेरा (कमल का पौधा)।
टाटा का नीले रंग का चिन्ह (Logo) निरंतर प्रवाह की और तो इशारा करता ही है, यह कल्प-तरु या बोधि वृक्ष (Tree of Knowledge) का भी प्रतीक है।
जिस पिपल वृक्ष के नीचे वह बैठे, उसे बोधि वृक्ष यानी ज्ञान का वृक्ष कहां जाता है।
बल्कि कारीगरों ने उन्हें कहीं घोड़ा, जिसपर वे अपने पिता के घर का त्याग कर के गये थे, तो कहीं उनके पादचिन्ह, कहीं बोधि वृक्ष के नीचे का चबूतरा, जहां उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी, के रूप में दर्शाया है।
'बोधि' का अर्थ होता है 'ज्ञान', 'बोधि वृक्ष' का अर्थ है ज्ञान का वृक्ष.।
बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद दूसरा सप्ताह इसी बोधि वृक्ष के आगे खड़ा अवस्था में बिताया था।
अशोक के पुत्र महेन्द्र (महेन्द), संघमित्र के साथ, बोधि वृक्ष अपने साथ जम्बूकोला (सम्बिलितुरै) लाया।
"" जिस पिपल वृक्ष के नीचे वह बैठे, उसे बोधि वृक्ष अर्थात् 'ज्ञान का वृक्ष' कहा जाता है।
जिस पिपल वृक्ष के नीचे वह बैठे, उसे बोधि वृक्ष अर्थात् 'ज्ञान का वृक्ष' कहा जाता है।