बाल अपराधी Meaning in English
बाल अपराधी शब्द का अंग्रेजी अर्थ : juvenile delindra
, child offender
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बाल-अपराधी इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
Special circumstances regarding child offenders is provided for under the Young Offender Act 1997 (NSW).
बाल-अपराधी हिंदी उपयोग और उदाहरण
इसका यथेष्ट ज्ञान बच्चों को बाल अपराधी, कुसंग, मादक द्रव्य व्यसन, अवसाद इत्यादि से बचा सकता है।
पीटरसन और बेकर ने बताया कि अपराधियों के परिवार प्रायः भौतिक रूप से कमजोर होते हैं, जो कि बाल अपराधी के स्वंय के प्रत्यक्षण को प्रभावित कर सकते ह्रैं और उसको घर से भागने में सहायक हो सकते है।
उपयुर्क्त परिभाषाओं के आधार पर कानून की अवज्ञा करने वाला एवं समाज विरोधी आचरण करने वाला बालक बाल अपराधी होता है जैसा कि न्यूमेयर का कहना है कि बाल अपराधी एक निश्चित आयु से कम वह व्यक्ति है जिसने समाज विराधी कार्य किया है तथा जिसका दुर्व्यवहार कानून को तोड़ने वाला है।
यह मनौवैज्ञानिक साधनों से संवेगात्मक और व्यक्तित्व संबधी समस्याओं का निदान करती है, यह बाल अपराधी के विगत जीवन में कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों के विषय में भावनाओं ओर अभिधारणाओं को बदलकर उपचार करती हैं।
गिलिन एवं गिलिन के अनुसार समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से एक बाल अपराधी वह व्यक्ति है जिसके व्यवहार को समाज अपने लिए हानिकारक समझता है और इसलिए वह उसके द्वारा निषिद्ध होता है।
भावात्मक अस्थिरता के कारण भी बच्चे अपराधी हो जाते है, सिरिल बर्ट, हीले एवं ब्रोनर ने अध्ययनों में पाया कि प्रायः बाल अपराधी स्वयं को असुरक्षित अनुभव करते है एवं मानसिक संघर्ष से ग्रसित रहते हें, इसी कारण वे अपराधों की ओर प्रवृत होते हैं।
सामाजिक मनोविज्ञान के अन्तर्गत सामाजिक व्याधिकी के विविध पक्षों एवं स्वरूपों का गहन एवं विस्तृत अध्ययन किया जाता है, जैसे बाल अपराधी, मानसिक असामान्यता, सामान्य अपराधी, औद्योगिक संघर्ष, आत्महत्या इत्यादि इत्यादि।
7 से 16 वर्ष का लड़का तथा 7 से 18 वर्ष की लड़की द्वारा कोई भी ऐसा अपराध न किया गया हो जिसके लिए राज्य मृत्यु दण्ड अथवा आजीवन कारावास देता है जैसे हत्या, देशद्रोह, घातक आक्रमण आदि तो वह बाल अपराधी मानी जायेगा।
"" सामाजिक मनोविज्ञान के अन्तर्गत सामाजिक व्याधिकी के विविध पक्षों एवं स्वरूपों का गहन एवं विस्तृत अध्ययन किया जाता है, जैसे बाल अपराधी, मानसिक असामान्यता, सामान्य अपराधी, औद्योगिक संघर्ष, आत्महत्या इत्यादि इत्यादि।
इस प्रकार बाल अपराध में बालको के असामाजिक व्यवहारों को लिया जाता है अथवा बालकों के ऐसे व्यवहारा का जो लोक कल्याण की दृष्टि से अहितकर होते हैं, ऐसे कार्यों को करने वाला बाल अपराधी कहला ता है।
अंतविवेक की कमी होने के कारण शत्रुता की भावना के साथ मिलकर आक्रामकता को जन्म देती है, ऐण्ड्री (1960) ने भी माना है कि बाल अपराधी अपराधियों की अपेक्षा माता-पिता का प्यार कम पाते हैं।
भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित 2000) के अनुसर 16 वर्ष तक की आयु के लड़कों एवं 18 वर्ष तक की आयु की लड़कियों के अपराध करने पर बाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
रॉबिन्सन के अनुसार आवारागर्दी, भीख माँगना, निरूद्देश्य इधर-उदर घूमना, उदण्डता बाल अपराधी के लक्षण है।