बाल अपराध Meaning in English
बाल अपराध शब्द का अंग्रेजी अर्थ : child crime
ऐसे ही कुछ और शब्द
बाल अपचारीबाल कर्मचारिका
बाल कर्मचारी
बच्चा किसान
बच्चे किसान
बालहत्या करने वाला
बाल मज़दूरी
बाल विवाह
बालनैतिक
बच्चे उपेक्षा
बच्चे का मोटापा
बाल अश्लीलता
बच्चे का सबूत
बाल मनोविज्ञान
बच्चा चुरानेवाला
बाल-अपराध हिंदी उपयोग और उदाहरण
भावात्मक अस्थिरता के कारण भी बच्चे अपराधी हो जाते है, सिरिल बर्ट, हीले एवं ब्रोनर ने अध्ययनों में पाया कि प्रायः बाल अपराधी स्वयं को असुरक्षित अनुभव करते है एवं मानसिक संघर्ष से ग्रसित रहते हें, इसी कारण वे अपराधों की ओर प्रवृत होते हैं।
उपयुर्क्त कारकों के अतिक्तिक बाल अपराध के लिए कुछ अन्य कारक भी उत्तरदायी है जैसे मूल्यो के भ्रम, सांस्कारिक भिन्नता एवं संघर्ष, नैतिक पतन, स्वंतत्रता में वृद्धि, आर्थिक मन्दी आदि।
उपर्युक्त विधियों के अतिरिक्ति बाल अपराधियों को उपचार में तीन और विधियों का प्रयोग भी किया जाता है :।
किन्तु जब तक कोई वैध तरीका सर्वसम्मिति से स्वीकार नहीं कर लिया जाता तब तक आयु को ही बाल अपराध का निर्धारक आधार माना जायेगा।
बाल अपराध की अधिकतम आयु सीमा अलग-अलग राज्यों मे अलग-अलग है।
गिलिन एवं गिलिन के अनुसार समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से एक बाल अपराधी वह व्यक्ति है जिसके व्यवहार को समाज अपने लिए हानिकारक समझता है और इसलिए वह उसके द्वारा निषिद्ध होता है।
भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित 2000) के अनुसर 16 वर्ष तक की आयु के लड़कों एवं 18 वर्ष तक की आयु की लड़कियों के अपराध करने पर बाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।
परिवीक्षा होस्टल - यह बाल अपराधियों के परिवीक्षा अधिनिमय के अन्तर्गत् स्थापित उन बाल अपराधियों के आवासीय व्यव जब कोई प्रक्रिया या प्रावस्था किसी दूसरी प्रक्रिया या प्रावस्था को उत्पन्न करती है तो इसे कारणता (causality या causation) कहते हैं।
इस आधार पर किसी भी राज्य द्वारा निर्धारित आयु सीमा के अन्तर्गत बालक द्वारा किया गया कानूनी विरोधी कार्य बाल अपराध है।
थ्रेशर शॉ और मैके के अध्ययन भी इसी प्रकार के बाल अपराध की बात करते हैं, मुख्य रूप से यह पाया गया कि युवक अपराधी इसलिऐ बना क्योंकि वह पहले से ही अपराधी व्यक्तियों की संगति में रहता था, बाद में सदरलैंड ने इस तथ्य को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किये।
"" सामाजिक मनोविज्ञान के अन्तर्गत सामाजिक व्याधिकी के विविध पक्षों एवं स्वरूपों का गहन एवं विस्तृत अध्ययन किया जाता है, जैसे बाल अपराधी, मानसिक असामान्यता, सामान्य अपराधी, औद्योगिक संघर्ष, आत्महत्या इत्यादि इत्यादि।
शारीरिक कारक : जब बालक किसी प्रकार की शरीरिक अक्षमता का शिकार होता है तो उसमें हीनता की भावना विकसित हो जाता है वे अपराध की ओर प्रवृत हो जाते है, सिरिल, बर्ट, हीले तथा ब्रोनर एवं ग्लूक आदि ने बाल अपराधियों के अध्ययन मे ऐसा पाया, हट्टन ने अनेक प्रकार के शारीरिक दोषों जैस बहरापन, स्थाई रोग, शरीरिक अपंगता, बुद्धि की कमी को बाल अपराध का कारण माना है।
1995 - पाकिस्तान में बाल अपराधियों को कोड़े मारने अथवा उनकी फांसी की सजा को प्रतिबंधित कर दिया गया।