प्रसव पीड़ा Meaning in English
प्रसव पीड़ा शब्द का अंग्रेजी अर्थ : labour pain
, labour pains
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प्रसव-पीड़ा हिंदी उपयोग और उदाहरण
1631 ई. में प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
इसके आलावा गर्भजन्य DI, प्रसव पीड़ा के 4 से 6 सप्ताह बाद अपने-आप ही कम होने लगती है।
19|23|अन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई।
गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले प्रसव पीड़ा के परिणामस्वरुप हुए जीवित बच्चे को 'समय पूर्व प्रसव' कहते हैं, भले ही जन्म के कुछ देर बाद ही शिशु की मृत्यु हो जाय. व्यावहारिकता की सीमा जिस पर 50% भ्रूण/ शिशु लंबे समय तक जीवित रहते हैं वह 24 सप्ताह के आसपास है, जबकि 26 सप्ताह में मध्यम या प्रमुख स्नायविक विकलांगता 50% तक कम हो जाती है।
""क्रैश सीज़ेरियन सेक्शन (A crash Caesarean section) सीज़ेरियन की ऐसी विधि है, जो प्रासविक आपातकाल में (obstetric emergency) संपन्न की जाती है, जहां गर्भावस्था की समस्याएं प्रसव पीड़ा के दौरान अचानक उत्पन्न होती हैं, तथा मां, शिशु/शिशुओं अथवा दोनों को मृत्यु से बचाने के लिए एक त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
सीज़ेरियन सेक्शन में प्रायः मां की मृत्यु हो गई; सीज़ेरियन सेक्शन के बाद जीवित रहने वाली महिला की पहली दर्ज की गई घटना वर्ष 1500 में स्विटजरर्लैंड के सिगरशॉसेन (Siegershausen) की थी: जहां सूअर बधिया करने वाले एक व्यक्ति जैकोब न्युफर को लंबे समय तक प्रसव पीड़ा से गुजरने के बाद, अपना पत्नी की शल्यक्रिया (ऑपरेशन) करनी पड़ती है।
क्रैश सीज़ेरियन सेक्शन (A crash Caesarean section) सीज़ेरियन की ऐसी विधि है, जो प्रासविक आपातकाल में (obstetric emergency) संपन्न की जाती है, जहां गर्भावस्था की समस्याएं प्रसव पीड़ा के दौरान अचानक उत्पन्न होती हैं, तथा मां, शिशु/शिशुओं अथवा दोनों को मृत्यु से बचाने के लिए एक त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है।
जन्म उपरान्त इनके माताजी का प्रसव पीड़ा से ,असामयिक निधन हो गया था।
कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने नैहर देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई और वहीं उन्होंने एक बालक को जन्म दिया।
प्रसव पीड़ा से गुजरती हुई महिलाओं ने पीड़ा के स्तर में काफी फर्क बताया है।
"" कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने नैहर देवदह जाते हुए रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई और वहीं उन्होंने एक बालक को जन्म दिया।
इसके सेवन से जहाँ प्रसव के समय होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है, वहीं प्रसव पीड़ा भी कम होती है।
जन्म के समय समस्याएं. प्रसव पीड़ा और जन्म के समय अगर बच्चे को लेकर समस्या हो, जैसे उसे पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिले तो मस्तिष्क में खराबी के कारण उसमें (बच्चा या बच्ची) विकास की खामी हो सकती है।