पाण्डित्य Meaning in English
पाण्डित्य शब्द का अंग्रेजी अर्थ : panditia
, encyclopaedism
ऐसे ही कुछ और शब्द
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एनसिग्नेस
सिरा
खत्म होना होना
अंजाम
समाप्ति
इति
इंतहा
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उपान्त
अंत्र रज्जु
छोर,किनारा,सीमा
पाण्डित्य इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
His encyclopaedism was remarkable.
पाण्डित्य हिंदी उपयोग और उदाहरण
उन्होंने सिखाया कि लोग रीति-रिवाजों तथा जाति-धर्म और पाण्डित्य की गूढ़ताओं के व्यर्थ के भार का त्याग करके।
घर पर शास्त्र-चर्चा आरंभ हुई, जिसमें सार्वभौम अपने पाण्डित्य का प्रदर्शन करने लगे, तब श्रीगौरांग ने भक्ति का महत्त्व ज्ञान से कहीं ऊपर सिद्ध किया व उन्हें अपने षड्भुजरूप का दर्शन कराया।
"" ऐसे ही एक शास्त्रार्थ के दौरान उनकी भेंट वहाँ के एक सम्माननीय व्यक्ति सेठ चत्तामुरारजी से हो गई जो उनकी विद्वत्ता और शास्त्रार्थ में उनकी पाण्डित्यपूर्ण वाग्मिता से अत्यंत प्रभावित हुए।
स्नातकों तथा छात्रों मे शास्त्रीय विषयों के प्रौढ़ पाण्डित्य के साथ-साथ ग्रन्थ-लेखन, पत्रकारिता, कवित्व-शक्ति, कुशल अध्यापकत्व, व्याख्यान-कला आदि में विशेष प्रगतिशीलता है।
उनके लेखन का एक बड़ा हिस्सा जहाँ विशुद्ध अकादमिक अथवा शोधपरक है, उनकी शास्त्रज्ञता तथा पाण्डित्य का परिचायक है; वहीं, उससे भी बड़ा हिस्सा उनके खुले दिमाग, मानवतावादी दृष्टि और समकालीन समाज, धर्म राजनीति आदि से गहन सरोकार का परिचय देता है।
इनकी भाषा सरस और सुबोध है, न पाण्डित्य का व्यर्थ प्रदर्शन है और न शब्द का अनावश्यक चमत्कार है।
इसलिए इन सूत्रों की केवल एक ही व्याख्या हो सकती है, मत मतान्तर का कोई झमेला नहीं है; पाण्डित्य और पोंगापंथी की कोई गुंजाइश नहीं है।
उपपत्ति का फल पाण्डित्य तथा संशयनिवृत्ति है।
संस्कृत भाषा और दर्शन में अगाध पाण्डित्य के कारण विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृत कॉलेज ने उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि प्रदान की थी।
डॉ. ओबराय के व्याख्यान ओजस्वी, पाण्डित्यपूर्ण और हृदयस्पर्शी होते थे।
(३) कालिदास के बाद का समय जिसमें काव्यलेखन भाषा और भाव की दृष्टि से कठिन होता हुआ दिखाई पड़ता है जिसकी परम्परा भारवि से प्रारम्भ होकर ‘श्रीहर्ष’ की रचना तक अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाती है और एक वैदग्ध तथा पाण्डित्यपूर्ण परम्परा का निर्माण होता है।
आचार्य हेमचन्द्र के काव्य में संस्कृत बृहत्त्रयी के पाण्डित्यपूर्ण चमत्कृत शैली है।
उन्होने नास्तिकता के विरोध में ईश्वरसिद्धि के लिए आज से हजारों वर्ष पूर्व न्यायकुसुमांजलि नामक एक अत्यन्त पाण्डित्यपूर्ण ग्रन्थ लिखा।