न बहना Meaning in English
न बहना शब्द का अंग्रेजी अर्थ : not bess
ऐसे ही कुछ और शब्द
अव्यथपैदाइशी नहीं
परेशान न करना
एक शब्द भी नहीं कहना
की परवाह नहीं करना
रत्ती भर भी परवाह नहीं करना
थोड़ी भी परवाह नही होना
आग न पकड़ना
आरोपित नहीं
ईसाइयत का नहीं
ईसाई धर्म का नहीं
बिना बंद नहीं
इकट्ठा नहीं
न आना
अपेक्षा के अनुरूप नहीं होना
न-बहना हिंदी उपयोग और उदाहरण
स्थानीय लक्षण : असामान्य गाँठ या सूजन (अबुर्द), रक्तस्राव (खून बहना), पीड़ा और / या व्रनोदभवन (अल्सर का निर्माण). आसपास के ऊतकों में संपीड़न की वजह से पीलिया जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं (आंखों और त्वचा का पीलापन).।
"" अधिक गंभीर विष दंश के मामलों (चरण 4 या 5) में कुछ करीबी लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे कि होंठ-थरथराना, चक्कर आना, खून बहना, उल्टी या सदमा. साँस लेने में कठिनाई, पक्षाघात, लार बहना और बहुत अधिक रक्तस्राव होना भी इसके आम लक्षण हैं।
जब खून बहना बंद नहीं करता है, तो खून की कमी से रक्तस्रावी सदमे, जो मस्तिष्क की क्षति और मृत्यु का कारण बन सकता है।
अधिक गंभीर विष दंश के मामलों (चरण 4 या 5) में कुछ करीबी लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे कि होंठ-थरथराना, चक्कर आना, खून बहना, उल्टी या सदमा. साँस लेने में कठिनाई, पक्षाघात, लार बहना और बहुत अधिक रक्तस्राव होना भी इसके आम लक्षण हैं।
""स्थानीय लक्षण : असामान्य गाँठ या सूजन (अबुर्द), रक्तस्राव (खून बहना), पीड़ा और / या व्रनोदभवन (अल्सर का निर्माण). आसपास के ऊतकों में संपीड़न की वजह से पीलिया जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं (आंखों और त्वचा का पीलापन).।
अत्यधिक विटामिन ई लेने से खून की सेलों पर असर पड़ सकता है, जिससे की खून बहना या बीमारी होना मुमकिन है।
फोड़े फुंसी, घाव, न्यमोनिया, सूजन का होना, जुकाम, आँख दुखना, कान बहना, क्षय रोग आदि सब प्रदाह के ही विभिन्न रूप हैं।
"" मध्यकर्ण की खराबी से उत्पन्न हुई बधिरता के मुख्य कारण हैं, कान बहना, स्कारलेट फीवर (लाल बुखार), चेचक, निमोनिया इत्यादि।
गर्भस्राव का सबसे आम लक्षण है खून बहना; गर्भावस्था के दौरान बहते खून को संभावित गर्भपात कहा जा सकता है।
मध्यकर्ण की खराबी से उत्पन्न हुई बधिरता के मुख्य कारण हैं, कान बहना, स्कारलेट फीवर (लाल बुखार), चेचक, निमोनिया इत्यादि।
मुख्यत: संक्रामक रोगों में मसूरिका, कर्णफेर, कुकुरखाँसी, रोहिणी, स्कार्लेट ज्वर, शैशविक अंगघात, चेचक, चिकनपॉक्स, आँख दुखना, कान बहना आदि आते हैं।
"" पेशाब, शौच, अधोवायु (पाद), गहरी नींद और ज़रा भी खून बहना इन अशुद्ध करने वाली गतिविधियों से वुज़ू अमान्य या टूट जाता है।
इनमें धमनी में पंक्चर, देर तक खून बहना, स्नायु में जलन, स्नायु में चोट, शिरा में जख्म, थ्रोमबोफेबिटिस (thrombophlebitis) और एलर्जी प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।