धवर Meaning in English
धवर शब्द का अंग्रेजी अर्थ : dhavavar
, dhawar
ऐसे ही कुछ और शब्द
ढीञ्चकढेगची
धेरना
ढिलमिल यक़ीन
ढिलमिल यक़ीनी
ढिंढोरची
धोर
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धोरों
ड्हारणीय विकास आयोगअ
धृष्ट,निर्लज्ज
धृतराष्ट्र
ढुल मुल यक़ीन
धुम्रवर्ण
डाय नोडल
धवर हिंदी उपयोग और उदाहरण
कांची के मुख्य घराने के लिए सर्वप्रथम हम चेंडलूर ताम्रपट्ट से ज्ञात स्कंदवर्मन्, उसके पुत्र कुमारविष्णु प्रथम, पौत्र बुद्धवर्मन और प्रपौत्र कुमारविष्णु द्वितीय को रख सकते हैं।
अपने अल्पकालीन शासन में भी बड़े-बड़े कार्य करने वाले पेशवा माधवराव के अंतिम 2 वर्ष बड़े कष्टपूर्ण बीते।
"" बीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में 'सरस्वती' तथा अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित किशोरी लाल गोस्वामी कृत 'इंदुमति', माधवराव सप्रे द्वारा रचित 'एक टोकरी भर मिट्टी', आचार्य रामचंद्र शुक्ल कृत $ग्यारह वर्ष का समय$ तथा राजेंद्र वाराघोष बंग महिला द्वारा रचित $दुलाईवाली$ आदि कहानियों की गिनती भी हिंदी की पहली कहानी बनने की होड़ में की जाती है।
माधवराव के उत्तराधिकारियों की नितान्त अयोग्यता के कारण राजकीय सत्ता उनके अभिभावक नाना फडनवीस के हाथों में केंद्रित हो गई।
‘केसरी’ को नागपुर से माधवराव सप्रे ने निकाला, लेकिन तिलक के उत्तेजक लेखों के कारण इस पत्र पर पाबंदी लगा दी गई।
1910 में जन्मे लोग हिन्दी केसरी एक हिन्दी समाचार पत्र था जिसे पंडित माधवराव सप्रे ने १३ अप्रैल १९०७ को छापना आरम्भ किया।
महाराजा सूरजमल का रणक्षेत्र में युद्धवर्णन ।
यहां मिश्रित विविधता के पेड़ पाए जाते हैं धवरा (एनोजीसस लैटिफ़ोलिया), बिर्रा (क्लोरोक्ज़िलोन स्वित्टेनिया), राहीनी (सोयमिडा फबरफुगा) और अन्य जैसे चार, तेंदु, एओनिया, आओला, हर्रा, हरिया आदि|।
माधवरन गांव कुर्नूल का एक अन्य प्रमुख पर्यटक स्थल है।
राष्ट्रभाषा हिन्दी के उन्नायक, प्रखर चिंतक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी माधवराव सप्रे का जन्म 19 जून 1871 को हुआ।
बालाजी बाजीराव के ज्येष्ठ पुत्र माधवराव ने सोलह वर्ष की अल्पावस्था में पेशवापद ग्रहण किया; तथा सत्ताईस वर्ष की आयु में वह दिवंगत हुआ।
""भगवान कृष्ण द्वारा रुक्मणी से विवाह के उपलक्ष्य में चैत्र (मार्च-अप्रैल) के शुक्ल पक्ष की नवमी को पोरबंदर के पास माधवपुर में माधवराय मेला लगता है।
माधव के महत्वाकांक्षी किंतु स्वार्थी चाचा रघुनाथराव ने अपने भतीजे को अपने अधीन रखने के ध्येय से मराठों के परमशत्रु निजाम से गठबंधन कर, माधवराव को आलेगाँव में परास्त कर (१२ नवम्बर १७६२) उसे बंदी बना लिया किंतु वह माधवराव का गत्यवरोध करने में असफल रहा।