तीक्ष्ण,उत्कट,अतिमात्र Meaning in English
तीक्ष्ण,उत्कट,अतिमात्र शब्द का अंग्रेजी अर्थ : sharp passionate extreme
, sharp fervent extreme
ऐसे ही कुछ और शब्द
तेज़नज़रअम्लवत्,स्वभाव में तीखा
तीव्र बुद्धि
तीव्रबुद्धि
तेज नकझोंक
तीव्र माप का
तीखा मलावरोध
तेज़ दिमाग
तेज़ नाक रखनेवाला
तेज अंग
तीक्ष्ण,पैना,तेज़
तेज नुकीली
तेज चाल
तेज़ स्वाद
तेज चखने
तीक्ष्ण,उत्कट,अतिमात्र हिंदी उपयोग और उदाहरण
14 अक्टूबर 2013 को कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) जैसे लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन के सामने हॉटसीट पर पहुँचकर कौटिल्य ने अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और हाजिरजवाबी का परिचय दिया।
इनका स्वाद कटु-तिक्त होता है, किंतु चबाने से मनोरम तीक्ष्ण गंध आती है और जीभ शीतल मालूम होती है।
हालांकि यह सैकड़ों हजारों वर्षों में अत्यधिक भिन्न इलाकों और जलवायु स्थितियों के साथ संबंध रख कर विकसित हुआ है, किंतु पैर अभी भी पर्यावरणीय खतरों, जैसे तीक्ष्ण चट्टानों एवं गर्म जमीन के प्रति अति संवेदनशील है, जूते इन खतरों से उसकी रक्षा करते हैं।
जिस स्थान पर ऐसा विक्षोभ होता है वहाँ पृथ्वी तल पर वलन, या विरूपण, अधिक तीक्ष्ण होता है।
"" सुतीक्ष्ण भक्त ऋषि अगस्त्य के शिष्य थे और ऋषि अगस्त्य के आश्रम में ही रहते थे और शिक्षा ग्रहण करते थे मगर अध्यन में कमजोर थे उन्हें शिक्षा से ज्यादा अच्छा गाय चराना लगता था क्योंकि बहुत भोले थे और साफ मन के थे मगर गुरु भक्ति उनके मन में कुट कूट के भरी हुई थी सुतीक्ष्ण भक्त की कथा।
नेत्रपरीक्षा में इन तीनों प्रत्यक्ष ज्ञानों की तीक्ष्णता की जाँच की जाती है।
""पुंजशक्ति नली का पट्टिक लाक्षणिक में यह विशेषता है कि वह अधिक तीक्ष्णता से मुड़ती है।
सूर्य मंदिर जब एक बिंदु से चला प्रकाश किसी अपारदर्शक वस्तु की कोर को प्राय: छूता हुआ जाता है तो एक प्रकार से वह टूट जाता है जिससे छाया तीक्ष्ण नहीं होती; उसमें समांतर धारियाँ दिखाई पड़ती हैं।
लभ्यते चन्द्रतीक्ष्णांश्वोस्ताराणां वापि तत्त्वतः ॥१९।
'बाह्य-पहुंच' (ग़रीबों और अधिक दूरस्थ इलाकों में बसने वाले ग़रीबों तक पहुंचने की व्यष्टि-वित्त संस्थाओं की क्षमता) और 'स्थिरता' (अपना परिचालन खर्च और साथ ही, संभवत: अपने परिचालन राजस्व से, अपने नए ग्राहकों की सेवा करने में लगे खर्च को भरने की क्षमता) के बीच समझौताकारी तालमेल की तीक्ष्णता के बारे में लंबे समय से बहस होती रही है।
रेखाछिद्रों की चौड़ाई तथा उनकी पारस्परिक दूरी भी इन धारियों की तीक्ष्णता को बहुत प्रभावित करती है।
तीक्ष्ण गंध वाला रंगहीन द्रव्य।
(२) आहारद्रव्य को पानी मे भिगोकर या पीसकर कोमल बनाया जाता हैl सूखापन का नाश होता है l जैसे पोहा बनाते समय पानी मे भिगोकर रखने के बाद छौंक लगाया जाता हैl दही की छाली जल में मिलाकर मट्ठा बनाकर उसे शीत और हलका किया जाता हैl तीक्ष्ण आसव, अरिष्ट या सिरका आदि मे जल मिलाकर उसे मृदु पेय बनाया जाता है l।