तसदीक़ Meaning in English
तसदीक़ शब्द का अंग्रेजी अर्थ : tasdaq
, confirmation
ऐसे ही कुछ और शब्द
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ज़ब्ती
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संघर्ष
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अनुरुप होना
तसदीक़ इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
It was manufactured by the Munich court stained glass artist and depicted the confirmation of the town privileges by Emperor Barbarossa.
Thus, if one comes true, the psychic expects us to forget the vast majority that did not happen (confirmation bias).
Its presence in Peru has been mentioned; to date, however, there has been no confirmation of it.
Support of implicit confirmation.
In 1974, he was a floor leader in the confirmation of Nelson Rockefeller, his Dartmouth classmate, as Vice President of the United States.
The election was marred by controversy, and there had to be a confirmation in Congress to satisfy Errázuriz's opponents.
There has been no confirmation to the rumor, but Alex has stated there will be an album from the Laguna Beach star.
asp], offers confirmation of the date and manner of Jordan’s death.
In 1075 William went to Rome to obtain the papal confirmation for the exemption of Hirschau.
A bishop is the ordinary minister of confirmation and he may licitly administer it to his own subjects everywhere and, in his own territory, even to Catholics who are not his subjects, unless their ordinary has expressly forbidden it.
Ask the user what exactly he intended to say (explicit-confirmation): "Do you mean X?" "Did you say X or Y?", etc.
With chipped adaptors focus confirmation and image stabilisation are also available.
Bryennios agreed in principle, but added a few conditions of his own, and sent the ambassadors back to Constantinople for confirmation.
तसदीक़ हिंदी उपयोग और उदाहरण
और जब उनके पास खु़दा की तरफ से रसूल (मोहम्मद) आया और उस किताब (तौरेत) की जो उनके पास है तसदीक़ भी करता है तो उन अहले किताब के एक गिरोह ने किताबे खु़दा को अपने बस पुश्त फेंक दिया गोया वह लोग कुछ जानते ही नहीं और उस मंत्र के पीछे पड़ गए (101)।
(3) (ऐ रसूल) उसी ने तुम पर बरहक़ किताब नाज़िल की जो (आसमानी किताबें पहले से) उसके सामने मौजूद हैं उनकी तसदीक़ करती है और उसी ने उससे पहले लोगों की हिदायत के वास्ते तौरेत व इन्जील नाज़िल की ।
इसमें शक नहीं कि उन लोगों के किस्सों में अक़लमन्दों के वास्ते (अच्छी ख़ासी) इबरत (व नसीहत) है ये (क़ुरान) कोई ऐसी बात नहीं है जो (ख्वाहामा ख्वाह) गढ़ ली जाए बल्कि (जो आसमानी किताबें) इसके पहले से मौजूद हैं उनकी तसदीक़ है और हर चीज़ की तफसील और इमानदारों के वास्ते (अज़सरतापा) हिदायत व रहमत है (111)।
""उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खु़दा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी आँखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है (7)।
और वह उसमंे हमेशा अपना किया भुगतता रहेगा और उसके लिए बड़ी रूसवाई का अज़ाब है और तुम्हारी औरतों में से जो औरतें बदकारी करें तो उनकी बदकारी पर अपने लोगों में से चार गवाही लो और फिर अगर चारों गवाह उसकी तसदीक़ करें तो (उसकी सज़ा ये है कि) उनको घरों में बन्द रखो यहाॅ तक कि मौत आ जाए या ख़ुदा उनकी कोई (दूसरी) राह निकाले (15)।
और तौरेत जो मेरे सामने मौजूद है मैं उसकी तसदीक़ करता हॅू और (मेरे आने की) एक ग़रज़ यह (भी) है कि जो चीजे़ तुम पर हराम है उनमें से बाज़ को (हुक्मे ख़ुदा से) हलाल कर दूॅ और मैं तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (अपनी नबूवत की) निशानी लेकर तुम्हारे पास आया हॅू (50)।
और तू देखता है कि जब यह लोग (इस कु़रान) को सुनते हैं जो हमारे रसूल पर नाज़िल किया गया है तो उनकी आँखों से बेसाख़्ता (छलक कर) आँसू जारी हो जातें है क्योंकि उन्होंने (अम्र) हक़ को पहचान लिया है (और) अर्ज़ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख (83)।
और ये कुरान ऐसा नहीं कि खुदा के सिवा कोई और अपनी तरफ से झूठ मूठ बना डाले बल्कि (ये तो) जो (किताबें) पहले की उसके सामने मौजूद हैं उसकी तसदीक़ और (उन) किताबों की तफ़सील है उसमें कुछ भी ्यक नहीं कि ये सारे जहाँन के परवरदिगार की तरफ से है (37)।
उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खु़दा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी आँखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है (7)।
मास्टर साहिब ने बगै़र तसदीक़ किए आप रहमता अल्लाह अलैहि को सज़ा के तौर पर क्लास से बाहर निकाल दिया।
और जब उनके पास खु़दा की तरफ़ से किताब (कु़रान) आई और वह उस (किताब तौरेत) की जो उन के पास है तसदीक़ भी करती है।
और जो (कु़रान) मैंने नाजि़ल किया वह उस किताब (तौरेत) की (भी) तसदीक़ करता हूँ जो तुम्हारे पास है और तुम सबसे चले उसके इन्कार पर मौजूद न हो जाओ और मेरी आयतों के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी फायदा) न लो और मुझ ही से डरते रहो (41)।