जलोदर Meaning in English
जलोदर शब्द का अंग्रेजी अर्थ : jalodar
, dropsy
ऐसे ही कुछ और शब्द
जलंधरड्रोसेरेसी
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जलोदर इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
Joel died in Appomattox on 29 October 1860 of dropsy.
The novel was additionally inspired by his cousin Sook's dropsy medicine, which she made yearly until the age of 62.
"Their health is good, as is proper for primitives; they know no gout, dropsy, gravel, or fevers.
Aleksey Apukhtin suffered from obesity, shortness of breath and dropsy.
John Kelly died of dropsy when Kate was four years old.
A tea made from the leaves was taken as a laxative and strong diuretic as well as for jaundice, dropsy, and enteritis with drowsiness.
On April 9, 1841, he was sentenced to eight years in prison, and held at the Snagov Monastery, where he fell ill with dropsy.
जलोदर हिंदी उपयोग और उदाहरण
प्लुरल द्रव के लिये, यह कार्य थोरेकोस्टॉमी (सीने में नली डालकर); जलोदर के लिये पैरासेन्टेसिस या जलोदर निकास नली; तथा पेरिकार्डियल बहाव के लिये पेरिकार्डियोसेंटेसिस के द्वारा किया जाता है।
पुत्र का नाम रोहिताश्व रखा गया और जब राजा ने वरुण के कई बार आने पर भी अपनी प्रतिज्ञा पूरी न की तो उन्होंने हरिश्चंद्र को जलोदर रोग होने का शाप दे दिया।
यह जलोदर, पीलिया और मूत्र संबंधी व्याधियों में विशेष लाभकारी तथा धवलरोग (श्वेतकुष्ठ), खाँसी, मंदाग्नि, कोष्ठबद्धता, रक्ताल्पता और श्लीपद में भी उपयोगी कहा गया है।
""100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली।
एल्कोहोल संबंधी विशेषता रोग-लक्षणों का भिन्न समूह है, जिसमें अस्वस्थ महसूस करना, यकृत के आकार में वृद्धि, उदर जलोदर में जल की वृद्धि और यकृत के रक्त परीक्षणों में थोड़ी सी वृद्धि शामिल हो सकते हैं।
"" प्लुरल द्रव के लिये, यह कार्य थोरेकोस्टॉमी (सीने में नली डालकर); जलोदर के लिये पैरासेन्टेसिस या जलोदर निकास नली; तथा पेरिकार्डियल बहाव के लिये पेरिकार्डियोसेंटेसिस के द्वारा किया जाता है।
"" एल्कोहोल संबंधी विशेषता रोग-लक्षणों का भिन्न समूह है, जिसमें अस्वस्थ महसूस करना, यकृत के आकार में वृद्धि, उदर जलोदर में जल की वृद्धि और यकृत के रक्त परीक्षणों में थोड़ी सी वृद्धि शामिल हो सकते हैं।
11. जलोदर (पेट में पानी जमा होना) और वृषण वृद्धि (अण्डकोष में पानी भरना) में छेदन कर जल निकालने का विधान।
इसके होने में भूमिका निभाने वाले कारकों में अनियमित मल त्याग आदतें (कब्ज़ या डायरिया), व्यायाम की कमी, पोषक कारक (कम-रेशे वाले आहार), अंतर-उदरीय दाब में वृद्धि (लंबे समय तक तनाव, जलोदर, अंतर-उदरीय मांस या गर्भावस्था), आनुवांशिकी, अर्श शिराओं के भीतर वॉल्व की अनुपस्थिति तथा बढ़ती उम्र शामिल हैं।
६. इसका प्रयोग अन्य औषधियों के साथ दमा, जलोदर, मुत्रधिक्य, विषाणुजनित संक्रमण, श्वसनीशोध, कृमिरोग, व्रण, बवासीर आदि के लिए भी किया जाता है।
बुढापे में जलोदर और लकवा वाले रोग भी पीछे पड जाते है।
निद्रानाश, जलोदर, वृक्कशोथ तथा देहशोथ भी होते देखा जाता है।
इस संकोचन का परिणाम यह होता है कि विस्तारित और संपीडित शिराओं से द्रव का स्पंदन (effusion) पर्युदर्या गुहा (peritoneal cavity) में होता है, जिससे एक प्रकार का जलोदर रोग हो जाता है।