चतुरंग Meaning in English
चतुरंग शब्द का अंग्रेजी अर्थ : chaturang
ऐसे ही कुछ और शब्द
शोफरशोफर्स
चौगान का बल्ला
चौलट्री
चौरसाई विमान
चौसेड
वर्चस्ववादी
चावेज
चावेज़
चायज़ेल
चैज़
शतरंज
चैफी
सस्ता
सस्ती
चतुरंग हिंदी उपयोग और उदाहरण
"" उसी का जी बहलाने के लिये सस्सा नामक एक व्यक्ति ने चतुरंग का खेल निकाला।
""बटन, काजल, कैलिको, चतुरंग, छींट (Chintz), क्रेस्कोग्राफ, क्रुसिबल इस्पात, कबड्डी, लूडो, साँप सीढ़ी, मसलिन, पूर्वनिर्मित घर, मापनी (रूलर), शैम्पू, सीढीदार कुँआ, स्तूप, कपास की खेती, नील रंजक, जूट की खेती, चीनी का परिमार्जन (रिफाइनमेन्ट), शून्य आदि।
मंदिर का गर्भगृह चतुरंग है तथा ऊँचे अधिस्थान पर टिका हुआ है।
इस पर श्री कृष्ण, बलराम, प्रद्युम्न, सात्यिकी, गद, साम्ब आदि सभी वीर चतुरंगिणी सेना के साथ लेकर वाणासुर के नगर शोणितपुर पहुँचे और आक्रमण करके वहाँ के उद्यान, परकोटे, बुर्ज आदि को नष्ट कर दिया।
1972 में इसे इसके वर्तमान स्थान दिल्ली के आईटीओ के पास दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थानांतरित कर दिया गया और कमला नगर वाला केंद्र अलग से चतुरंग संगीत संस्थान के रूप में कार्य करने लगा।
यह मंदिर तल विन्यास से सप्तरथ चतुरंग,अंतराल,अंलकृत, स्तंभों से युक्त वर्गाकार मण्डप है।
यह खेल मूलतः भारत का आविष्कार है, जिसका प्राचीन नाम था- 'चतुरंग'; जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर १५/१६वीं सदी में तो पूरे संसार में लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गया।
""साजि चतुरंग बीररंग में तुरंग चढ़ि।
चतुरंग गीत में, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, चार अंग होते हैं-।
इस विषय में सामान्य नियम यह है कि प्रत्येक रथ के साथ 10 गज, प्रत्येक गज के साथ 10 अश्व, प्रत्येक अश्व के साथ 10 पदाति रक्षक के रूप में रहते थे, इस प्रकार सेना प्राय: चतुरंगिणी ही होती थी।
चतुरंग नाम के बुद्धि-शिरोमणि ब्राह्मण ने पाँचवीं-छठी सदी में यह खेल संसार के बुद्धिजीवियों को भेंट में दिया।
"" इस पर श्री कृष्ण, बलराम, प्रद्युम्न, सात्यिकी, गद, साम्ब आदि सभी वीर चतुरंगिणी सेना के साथ लेकर वाणासुर के नगर शोणितपुर पहुँचे और आक्रमण करके वहाँ के उद्यान, परकोटे, बुर्ज आदि को नष्ट कर दिया।
सेना के चार अंग- हस्ती, अश्व, रथ, पदाति माने जाते हैं और जिस सेना में ये चारों हैं, वह चतुरंगिणी कहलाती है।
चतुरंग इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
Li suggests that this game had spread via the Silk Road, to Persia (becoming various forms of shatranj) and India (becoming various forms of chaturanga), as well as to Japan (becoming shogi) and Korea (becoming janggi).