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कविता, गीत आदि का अन्तरा Meaning in English



कविता, गीत आदि का अन्तरा शब्द का अंग्रेजी अर्थ : the difference between poetry songs etc.


कविता,-गीत-आदि-का-अन्तरा हिंदी उपयोग और उदाहरण

पंत-शती के उपलक्ष्य में उनकी कविताओं के संचयन को ‘स्वच्छंद’ कहने के पीछे मात्र पंतजी की नहीं, साहित्य मात्र की मूल प्रवृत्ति की ओर भी संकेत है।


यह बात भले ही सोचने में काल्पनिक सा लगने लगा है हर उम्र के लोग इनकी कविता के इतने कायल से हो चुके हैं कि कानों में इसकी धुन भर से ही लोगों के पाँव थिरक उठते हैं, हाथों को रोके नहीं रोका जा सकता, बच्चा, बूढ़ा, जवान हर उम्र की जुबान पे, राजस्थान के कण-कण, ढाणी-ढाणी, में 'धरती धोरां री' गाये जाने लगा।


मार्कोपोलो और टेवर्नियर ने खादी पर अनेक सुंदर कविताएँ लिखी हैं।


गोपगीत (पैस्टरल), मर्सिया (एलेजी), व्यंग्य और विद्रूप, सॉनेट, रूपक, प्रेमकाव्य, महाकाव्य जैसे अनेक रूपों से उसने अंग्रेजी कविता की सीमाओं का विस्तार किया।


उनकी कविता 'आमार शोनार बांग्ला' (हमारा सोने का बांग्ला) बांग्लादेश का राष्ट्रगान है।


कन्नौज जिला के गाँव उर्दू साहित्य में बादशाह, धार्मिक या राष्ट्रीय नेता अथधवा किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति की प्रसंशा में लिखी गइ कविता को कशीदा कहते हैं।


इस कविता में एक 12 वर्षीय नाविक बालक की शहादत का वर्णन है, जो ब्रिटिश शासन के विरोध में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया था।


"" उनकी मृत्यु के उस कविता को उनके समाधिलेख के रूप में उनकी कब्र पर खुदवा दिया. कविता का आशय है—।


'परसीफ़ोन' नामक कविता पर न्यूडीगेट पुरस्कार (१८९०); १९२९-३० जापान का भ्रमण; १९३३-३४ अमरीका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कविता पढ़ाने के लिए चार्ल्स इलियट नॉर्टन प्रोफेसर; १९४० में एथेंस विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के बायरन प्रोफेसर।


मोकोकचुंग ज़िले के गाँव दीवार पत्रिका किसी संस्था विशेष रूप से एक शैक्षिक संस्थान में नोटिस बोर्ड पर एक समय अंतराल पर चलाए जाने वाली पत्रिका है, जहां छात्र और संस्था के अन्य सदस्य एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए अपने लेख, कविताएँ, चित्र और अन्य ऐसी रचनाएँ पोस्ट कर सकते हैं।


कविता के क्षेत्र में उन्होंने कुछ सीमित प्रयोग भी किए और सन् ४० के दशक में कई छंदबद्ध काव्य-कथाएँ लिखीं, जो 'गाथा` नामक उनके संग्रह में संकलित हैं।


कानपुर की 'रसिक समाज' नामक संस्था के ये अग्रणी सदस्यों में थे और उसके अधिवेशनों में, व्यवस्था करना, स्थानीय और अभ्यागत कवियों को आमंत्रित कर उनके कवितापाठ का प्रबंध करना, समस्यापूर्तियों का प्रबंध करना इत्यादि कार्यों में वे बड़े ही रुचि और मनोयोगपूर्वक संमिलित हुआ करते थे।


‘‘....... मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि समारोह में कविताकोश के योगदानकर्ताओं को उतनी तरजीह नहीं दी गयी जितनी दी जानी चाहिए थी।





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