करौली Meaning in English
करौली शब्द का अंग्रेजी अर्थ : karauli
, small dagger
ऐसे ही कुछ और शब्द
फंकीकुल्हिया
छोटा पारितोषक
अंडक
छोटा सा सम्राट
छोटा कटाव
थोड़ा व्यय
स्वल्प व्ययिता
छोटा चेहरा
छोटा गल्प
छोटा खेत
आग जलाने की छोटी लकड़ियाँ
झंडी
छोटा फ्लैट
उपवन
करौली इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण
He is a former Bl@ster participant (from the GHOST area) who fights with two small daggers and also enjoys taking pictures.
" At the time, there was an unsolved case in which two items were reported as being missing - a dark cloak and a small dagger.
करौली हिंदी उपयोग और उदाहरण
करौली जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर मण्डरायल मार्ग पर ससेड गांव के पास जंगल और सुनसान वातावरण में अटल योद्वा सा खडा बहादुरपुर का किला मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है।
करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, गंगापुर क्षेत्र के मिनस पिछले चार सौ वर्षों के लिए सबसे महत्वपूर्ण काश्तकार हैं।
आने वाले समय में करौली के हिण्डौन उपखण्ड में प्रस्तावित इफको का संयंत्रए मंडरायल क्षेत्र में सीमेन्ट उद्योग भविष्य के सुनहरे सपने की ओर इंगित करते हैं।
कुशीनगर जिले में १४ विकासखण्ड (block) हैं - पडरौना, बिशुनपुरा, कुशीनगर, हाटा, मोतीचक, सेवरही, नेबुआ नौरंगिया, खड्डा, दुदही, फाजिल नगर, सुकरौली, कप्तानगंज, रामकोला और तमकुहीराज।
इसके अतिरिक्त करौली उपखंड के कैलादेवी और मासलपुर कस्बो में भी निजी शिक्षण संसथान संचालित है I अतः करौली उपखंड में निजी शिक्षण संस्थान भी अच्छी तरह अपना काम कर रहे है I।
यह मंदिर बाबा नीम करौली महाराज जी ने बनवाया है, जो चमत्कारी बाबा के नाम से प्रसिद्ध है।
जिलें में करौली व हिण्डौन दो नगर परिषद एवं टोडाभीम नगरपालिका हैं।
जिले को छः उपखण्डो करौली, हिण्डौन, सपोटरा, मण्डरायल, टोडाभीम एवं नादौती में विभाजित किया हुआ है।
सांस्कृतिक दृष्टि से भी करौली जिले में अनेक विभिन्नताएं पाई जाती हैं।
जिले के करौली, सपोटरा, मंडरायल एवं हिण्डौन उपखण्ड क्षेत्रों में लाल-गुलाबी रंग के इमारती पत्थर के असीम भण्डार है।
बाबा नीम करौली महाराज जी केवल उत्तराखंड में ही चमत्कारी बाबा के नाम से नहीं जाने जाते हैं, बल्कि इनकी चमत्कारी की कथाएं विदेशों तक फैली हुई है।
चम्बल सवाई माधोपुर नदोती पेयजल परियोजना करौली जिले के मंडरायल तहसील में चम्बल नदी के पानी को लिफ्ट परियोजना के द्वारा पानी पीने योग्य हेतु मंडरायल घाटी के नीचे इस परियोजना की आधार शिला रखी गई थी।
कृषि विपणन के लिए जिले में हिण्डौन में कृषि उपज मण्डी एवं करौली, टोडाभीम में गौण मंडी हैं।