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औपन्यासिक Meaning in English



औपन्यासिक शब्द का अंग्रेजी अर्थ : pertaining to a novel


औपन्यासिक हिंदी उपयोग और उदाहरण

गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान -2017 (निजी जीवन को स्पर्श करती औपन्यासिक रचना)।


उसमें औपन्यासिकता है, कहानी की पकड़ है।


'सुनीता' और जैनेंद्र की पूर्वप्रकाशित औपन्यासिक कृति 'परख' के कथानक में दृष्टिकोणगत बहुत कुछ समानता है।


भारत का सामाजिक इतिहास जैनेंद्र कुमार की सर्वप्रथम औपन्यासिक कृति 'परख' का प्रकाशन सन 1929 में हुआ।


पश्चिम बंगाल की प्रमुख नहरें जैनेंद्र की तीसरी औपन्यासिक कृति 'त्यागपत्र' है।


उन्होंने संस्कृत के कुछ महाकाव्यों के हिन्दी में औपन्यासिक रूपांतर भी किये, जिनमें कालिदास कृत रघुवंश, कुमारसंभव, मेघदूत , किरातार्जुनीय प्रमुख हैं।


उन्होने अपने ८७ वर्ष के दीर्घकाल में १०० से भी अधिक औपन्यासिक कृतियों की रचना की, जिनके माध्यम से उन्होंने समाज के विभिन्न पक्षों को उजागर किया।


इन कहानियों के अतिरिक्त इन्होंने आख्यायिका (फिक्शन) की एक विशिष्ट शैली के रूप में विशेष प्रकार की लंबी कहानियों का सृजन किया है जो औपन्यासिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं।


""अतीत में, कुछ शोधकर्ताओं ने तर्क दिया है कि संगठनात्मक परिणामों पर नेताओं का वास्तविक प्रभाव अहंकारी है और नेताओं की पक्षपाती विशेषताओं के परिणामस्वरूप वह औपन्यासिक हो गया है (मिंडिल और एहरलिच, 1987). इन दावों के बावजूद, यह काफी हद तक मान्यता प्राप्त है और अभ्यासकर्ता और शोधकर्ताओं द्वारा स्वीकार किये जाते हैं।


कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की इस युगान्तकारी औपन्यासिक कृति में कथाशिल्प के साथ-साथ भाषाशिल्प और शैलीशिल्प का विलक्षण सामंजस्य है जो जितना सहज-स्वाभाविक है, उतना ही प्रभावकारी और मोहक भी।


सत्यधन, कट्टो, बिहारी और गरिमा नामक पात्र-पात्रियों के चरित्र पर आधारित यह मनोवैज्ञानिक कथा अप्रत्यक्ष रूप से विधवा विवाह की समस्या से संबंध रखती है, जो भारतेंदुयुगीन औपन्यासिक प्रवृत्ति है।


इस दृष्टि से 'सुनीता' को जैनेंद्र की सर्वश्रेष्ठ औपन्यासिक कृति कहा जा सकता है।


औपन्यासिक चरित्रों का अन्तरंग एवं बहिरंग जीवन, परिवेश और जीवन-दर्शन।





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