अल्लाह Meaning in English
अल्लाह शब्द का अंग्रेजी अर्थ : god =
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अल्लाह हिंदी उपयोग और उदाहरण
33|70|ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखो और बात कहो ठीक सधी हुई।
व्यक्तिगत जीवन नीयत, (और अलग-अलग शब्द नियाह , निय्या , निय्यत या नियत (अरबी : نیّة) एक इस्लामी तरीक़े का ज़िक्र जिसमें पूरे दिल से अल्लाह (ईश्वर) के लिए किसी अच्छे काम को करने का इरादा कर लेना।
कह दो, 'क्या मैं तुम्हे इससे बुरी चीज़ की ख़बर दूँ? आग है वह - अल्लाह ने इनकार करनेवालों से उसी का वादा कर रखा है - और वह बहुत ही बुरा ठिकाना है।
यह एक निश्चित और स्पष्ट अनुबन्ध था जिसकी शर्ते स्वयं यहूदियों ने स्वीकार की थी, किन्तु बहुत जल्द उन्होंने अल्लाह के रसूल (सल्ल.) , इस्लाम और मुसलमानों के विरुद्ध शत्रुतापूर्ण नीति का प्रदर्शन शुरू कर दिया और उनकी शत्रुता एवं उनका विद्वेष दिन - प्रतिदिन उग्र रूप धारण करता चला गया।
शीर्षक के भीतर जामी शब्द सभी आठ रिसालाह (अल्लाह के संदेश) विषयों को कवर करने वाला एक संपूर्ण संग्रह इंगित करता है।
इस संबोधन में उनको बल-पूर्वक सावधान किया गया है कि तुमने दुराग्रह और हठधर्मी के साथ अपने आधारहीन अज्ञानयुक्त विचारों पर आग्रह किया , अल्लाह को छोड़कर उन आराध्यों पर भरोसा किया जिनके पास कोई शक्ति नहीं है और अल्लाह के रसूल को झुठला दिया ।
द्वितीय, लोगों को यह बताया गया है कि अल्लाह ही सम्पूर्ण जगत् का मालिक और सर्वाधिकारी है।
तर्क और तर्कसंगत विचारों के आधार पर एक इस्लामी स्कूल मुताजिलस ने कहा कि कुरान बनाया गया था, जबकि मौलाना की सबसे व्यापक किस्में कुरान को अल्लाह के मानते थे और इसलिए अकुशल थे।
तीसरे यह कि इस रसूल का उठाया जाना और इस किताब का अवतरण उस विशिष्ट घड़ी में हुआ जब अल्लाह भाग्यों के फ़ैसले किया करता है और अल्लाह के फ़ैसले बोदे नहीं होते कि, जिसका जी चाहे उन्हें बदल डाले, न वे किसी अज्ञान और नादानी पर आधारित होते हैं कि उनमें ग़लती और और स्वामी की कोई आशंका हो।
और अल्लाह के विधान के अनुसार सामान्य मोमिनों और मुहाजिरों की अपेक्षा नातेदार आपस में एक-दूसरे से अधिक निकट है।
मुसलमानों से अल्लाह की कल्पना करने के बजाय उसकी प्रार्थना और जय-जयकार करने को कहा गया है।
नमाज़ अल्लाह की शुक्रगुज़ारी है और साहिब वजदान इंसान नमाज़ के वाजिब होने को दृक् करता है।
इनमें से हाशिम, अब्दुल मुत्तलिब के पिता और अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के परदादा के मन में सबसे पहले यह विचार आया कि उस अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में हिस्सा लिया जाए जो अरब के मार्ग से पूर्वी देशों और सीरिया और मिस्र के मध्य होता था।